परिवार हमारी जिन्दगी की खुशहाली का मंदार है
साध्वी अणिमाश्री जी के सान्निध्य में खिलौनी देवी धर्मशाला में परिवार प्रशिक्षण कार्यशाला 'एमबीबीएस' का आयोजन हुआ। साध्वीश्री ने पारिवारिक खुशहाली के टिप्स देते हुए कहा परिवार हमारे जीवन का आधार और शृंगार है। परिवार हमारी खुशहाली का मंदार है, परिवार प्रभु द्वारा प्रदत्त उपहार है। परिवार ब्रह्माण्ड के सामान है, जिस प्रकार व्र ब्रह्माण्ड में नौ ग्रह होते हैं उसी प्रकार परिवार में कुछ सदस्य सूर्य की तरह तेजस्वी, कुछ चन्द्रमा की तरह शीतल तो कुछ सदस्य शान्त राहु-केतु की तरह होते हैं। साध्वीश्री ने कहा आज इस कार्यशाला में पति-पत्नी बच्चे सभी आए हैं। कहते हैं पति समझदार हो तो मकान जल्दी बनता है, पत्नी समझदार हो तो मकान घर बनता है। बच्चे समझदार हों तो घर मंदिर बन जाता है अगर तीनों समझदार हों तो घर स्वर्ग सा सुंदर बन जाता है। घर को स्वर्ग सा सुंदर बनाने के लिए अपेक्षा है परिवार में सदस्य मधुरभाषी बनें। मधुर भाषा परिवार को सुखी व समृद्ध बनाने का सबसे बड़ा टॉनिक है।
डॉ. साध्वी सुधाप्रभा जी ने कहा जिस परिवार रूपी मंदिर में संस्कारों के दीप जलते हैं, वह परिवार खुशहाली के आलोक से हमेशा आलोकित रहता है। जिस परिवार के संस्कार सम्मुनत होते हैं, वह परिवार बुलंदियों का स्पर्श करता है। साध्वी मैत्रीप्रभाजी ने कुशल मंच संचालन करते हुए कहा परिवार कि खुशहाली के लिए फोर टी की अपेक्षा है- ट्रस्ट, टाईम, टोक, टोलरेन्स। साध्वी कर्णिकाश्रीजी ने वक्तव्य एवं साध्वी समत्वयशाजी ने 'परिवार ऐसा बनाएं' गीत का सुमधुर संगान किया। इस अवसर पर सूर्यकान्ता बैद एवं पूजा जैन की तप अनुमोदना में पारिवारिक जन ने गीत की प्रस्तुति दी।