265वें तेरापंथ स्थापना दिवस पर विविध आयोजन
तेरापंथ भवन में आयोजित समारोह में मुनि संजय कुमारजी ने कहा आचार्य भिक्षु जन्म से ही प्रतिभा सम्पन्न थे, शास्त्रज्ञ थे, शास्त्रार्थ में अजेय थे। वे तेरापंथ संविधान के निर्माता थे। वर्तमान में साधु समाज को शिथिलता से बचाने में लक्ष्मण रेखा काम करती है। मुनि प्रसन्नकुमारजी ने कहा - आज के स्थापना दिवस का अर्थ सत्य मार्ग की स्थापना का दिन है। मुनिश्री ने कहा कि व्यक्ति की नजर तराजु के पलड़ों पर नहीं होकर तराजू के मध्य कांटे पर नजर रहती है। विश्वास का आधार कांटा है, गुरू का भी वही महत्व है। मुनि प्रकाशकुमारजी एवं मुनि धैर्य कुमारजी ने अपने विचार व्यक्त किए।