265वें तेरापंथ स्थापना दिवस पर विविध आयोजन

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265वें तेरापंथ स्थापना दिवस पर विविध आयोजन

डॉ. साध्वी गवेषणाश्रीजी के सान्निध्य में तेरापंथ स्थापना दिवस का कार्यक्रम जैन तेरापंथ नगर, माधावरम्, चेन्नई में आयोजित किया गया। साध्वीश्री ने कहा कि जैसे पानी के बिना नदी, अतिथि के बिना आंगन, पैसे के बिना पॉकेट बेकार है, वैसे ही गुरु के बिना जीवन बेकार है। भारतीय संस्कृति में गुरु का बड़ा महत्व है। गुरु अंधकार से प्रकाश की ओर, असत् से सत् की ओर, अज्ञान से ज्ञान की ओर ले जाता है। आज 265वां तेरापंथ स्थापना दिवस है। आज के दिन ही तेरापंथ को ऐसे गुरु मिले, जिनमें शौर्य था, तितिक्षा थी। आचार्य भिक्षु का शरीरबल, मनोबल, संयमबल और सिद्धान्तबल अनुत्तर था। आचार्य भिक्षु सत्य के प्रति सर्वात्मना समर्पित थे।
साध्वी मयंकप्रभाजी ने तेरापंथ के आद्य प्रवर्तक आचार्य भिक्षु की अभिवन्दना करते हुए कहा कि हमें ऐसे गुरु मिले जिनमें गरिमा, गौरव और गुरुत्व था। आचार्य भिक्षु के जीवन में अनेक संघर्ष आये परन्तु वे सत्य के प्रति सर्वात्मा समर्पित रहे। साध्वी दक्षप्रभाजी ने गीतिका के माध्यम से अपने विचार व्यक्त किए। स्थानीय महिलाओं ने मंगलाचरण किया। माधावरम् ट्रस्ट बोर्ड प्रबंध न्यासी घीसूलाल बोहरा, तेयुप अध्यक्ष संदीप मुथा ने आराध्य की आराधना में प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का संचालन साध्वी मेरुप्रभाजी ने किया।