गुस्से में लिया गया निर्णय हमेशा गलत साबित होता है
अभातेममं के निर्देशानुसार तेरापंथ महिला मंडल आमेट द्वारा 'समृद्ध राष्ट्र योजना' के अंतर्गत संस्कार शाला का प्रथम चरण युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी विशदप्रज्ञा की सहवर्ती साध्वी मननयशाजी, साध्वी मंदारप्रभाजी के सान्निध्य में तुलसी अमृत विद्यापीठ स्कूल में आयोजित किया गया। कार्यशाला में ‘क्रोधी नहीं सहनशील बने’ इस विषय पर साध्वीश्री ने बच्चों को उद्बोधन दिया। साध्वीश्री ने बच्चों को बताया कि हमें हर बात पर गुस्सा नहीं होने चाहिए। गुस्से में लिया गया निर्णय हमेशा गलत ही साबित होता है। ज्यादा गुस्से से बच्चे नकारात्मकता व डिप्रेशन के शिकार भी हो जाते हैं, अतः हमें हमेशा अच्छा सोचना है। हमें यह सोचना है कि हम आगे से कुछ अच्छा, कुछ नया करेंगे, कभी हताश होकर गलत कदम नहीं उठाएंगे। साध्वीश्री ने बच्चों को गुस्सा शांत करने के कुछ उपाय व कुछ प्रयोग भी बताए। कार्यक्रम की अध्यक्षता तुलसी अमृत विद्यापीठ के अध्यक्ष मनसुखलाल बम्ब ने की। यह कार्यक्रम तेरापंथ महिला मंडल की अध्यक्षा संगीता पामेचा के नेतृत्व में कार्यशाला संयोजिका मनीषा छाजेड़ ने संपादित करवाया। स्वागत भाषण कार्यशाला सहसंयोजिका सज्जन मेहता ने दिया। कार्यक्रम का कुशल मंच संचालन अध्यापिका मनु सांखला ने किया।