प्रबल पराक्रम के पुरोधा थे आचार्य श्री भिक्षु

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प्रबल पराक्रम के पुरोधा थे आचार्य श्री भिक्षु

बेंगलुरु। साध्वी उदितयशाजी के सान्निध्य में तेरापंथ स्थापना दिवस का आयोजन किया गया। कार्यक्रम से पूर्व अनुशासन रैली का आयोजन किया गया। यह रैली जैन धर्म, तेरापंथ एवं आचार्य भिक्षु से आचार्य महाश्रमणजी के अवदानों का जयघोष करती हुई तेरापंथ भवन गांधीनगर पहुंची। इसमें ज्ञानशाला के साथ सम्पूर्ण तेरापंथ श्रावक समाज की सहभागिता रही। साध्वी उदितयशाजी ने अपने वक्तव्य में कहा- आचार्य भिक्षु एक महान साधक व सत्य के पुजारी थे। उनका नाम स्वयं एक मंत्र बन गया। हम सभी उनके सिद्धांतों पर अमल करें। साध्वी संगीतप्रभाजी, साध्वी भव्ययशाजी एवं साध्वी शिक्षाप्रभाजी ने सुमधुर गीत का संगान किया। कार्यक्रम की शुरुआत प्रज्ञा संगीत सुधा के मंगलाचरण से हुयी।