जीत हासिल करने का जज्बा है ज्ञानशाला

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जीत हासिल करने का जज्बा है ज्ञानशाला

उदयपुर। आचार्यश्री महाश्रमणजी की विदुषी सुशिष्या डॉ. साध्वी परमयशाजी के सान्निध्य में ज्ञानशाला प्रशिक्षिका प्रशिक्षण शिविर का समायोजन हुआ। साध्वी श्री ने अपने वक्तव्य में कहा कि ज्ञानशाला आचार्य तुलसी का एक अवदान है जिससे भावी पीढ़ी का निर्माण होता है। संस्कार मॉल में नहीं, मार्केट में नहीं, परिवार के माहौल में मिलते हैं। बच्चों को भले कार न मिले पर अच्छे संस्कार अवश्य मिलें। ज्ञानशाला में ज्ञानार्थी करियर बनाते हैं, केरेक्टर बनाते हैं, करेज और कॉन्फिडेंस सीखते हैं, कंसंट्रेशन की कला सीखते हैं। ज्ञानशाला में क्वालिटी और क्वांटिटी दोनों बढ़े। आपने आगे कहा कि ज्ञानशाला की प्रशिक्षिकाओं की कार्यशाला ज्ञान प्राप्ति का द्वार है नयी रोशनी का देवदार है। ये बहनें आत्मविश्वास की ताकत पैदा करती हैं। बच्चों की लाइफ का हर पन्ना विटामिन से भरपूर करने का उत्साह-उमंग लिए आती हैं। विनय-विवेक का मुकुट कोमल सुकुमार पीढ़ी को पहनाती है। मुख्य प्रशिक्षिका सुनीता बैंगानी ने प्रशिक्षिकाओं का परिचय करवाया। साध्वी विनम्रयशाजी, साध्वी मुक्ताप्रभाजी और साध्वी कुमुदप्रभाजी ने 'पल-पल का करें समायोजन' गीत का संगान किया।