बारह व्रती बनने से संकल्पित हिंसा से बचा जा सकता है
इचलकरंजी। ‘शासनश्री’ साध्वी कंचनप्रभा जी आदि ठाणा- 5 के सान्निध्य में अभातेयुप निर्देशित बारह व्रत दीक्षा कार्यशाला तेरापंथ भवन में तेयुप इचलकरंजी द्वारा आयोजित की गई। साध्वी श्री ने भगवान महावीर द्वारा गृहस्थ के लिए प्रदत्त आगार धर्म के बारे में बताते हुए श्रावक-श्राविका समाज को बारह व्रती बनने की प्रेरणा दी। साध्वीश्री ने आवश्यक हिंसा के अलावा संकल्पजा स्थूल हिंसा का कुछ अपवादों के साथ त्याग की प्रेरणा दी। छोटे-छोटे नियमों को संकल्प लेकर कर्म निर्जरा की प्रेरणा प्रदान की। ’शासनश्री’ साध्वी मंजूरेखाजी ने अपने वक्तव्य में सभी श्रावक-श्राविकाओं को बारहव्रती बनने की प्रेरणा दी। इसके पश्चात तेयुप इचलकरंजी अध्यक्ष अनिल छाजेड़ ने स्वागत वक्तव्य देते हुए, व्रती बनने की शुभकामना प्रेषित की। तेयुप मंत्री अंकुश बाफना ने आभार प्रकट किया। कार्यशाला में लगभग 80 श्रावक-श्राविकाओं ने भाग लिया।