समय, समझ और शक्ति का सदुपयोग ही नवोत्थान में है सहायक

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समय, समझ और शक्ति का सदुपयोग ही नवोत्थान में है सहायक

अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद के तत्वावधान में तेयुप मलाड द्वारा आयोजित महाराष्ट्र स्तरीय 'शंखनाद युवा शक्ति के नवोत्थान का' नामक दायित्व बोध कार्यशाला में सान्निध्य प्रदान करते हुए विशाल युवा समाज और उपस्थित विशाल श्रोता समाज को सम्बोधित करते हुए साध्वी डॉक्टर मंगलप्रज्ञा जी ने कहा- आज का शंखनाद युवा शक्ति को जागृत करने का शंखनाद है। हर युवा के पास समय है, समझ है और शक्ति है। जरूरत है इन तीनों के सम्यक नियोजन की, समय, समझ और शक्ति का सदुपयोग करने का संकल्प ही नवोत्थान करने में सहायक बन सकता है। साध्वी श्री जी ने श्रमण श्रेणी में विदेश यात्रा के दौरान देखी गई जापान हिरोशिमा की दिल दहलाने वाली घटना का जिक्र करते हुए कहा- प्रयोक्ता ने शक्ति का गलत प्रयोग किया, दहशत फैल गई। ऐसा शक्ति का दुरुपयोग मानवीयता नहीं है। युवा अपनी शक्ति का सृजनशीलता में प्रयोग करे। इस अवसर पर विशेष प्रेरणा प्रदान करते हुए साध्वी श्री डॉ मंगल प्रज्ञा जी ने कहा- आर्थिक सम्पन्नता ही जीवन का मुख्य ध्येय नहीं है। पैसा जीवन में बहुत कुछ है, पर याद रखें सब कुछ नहीं है। यह चिन्तन आपको आनन्द प्रदान करेगा। युवाशक्ति इस बात को न भूलें।
आप सभी जैन, आपके अभिभावकों बुजुर्गों और जन्म दाता, माता पिता की बदौलत हैं। आपकी अगली पीढ़ी जैन सरकारों से पल्लवित हो, यह आवश्यक है। "डिजिटल डिटोक्स' को अपनाएं। जीवन शैली को बदलें, पारिवारिक जीवन को सुखमय शान्तिमय बनाने के लिए गलत आदतों से बचें। हमारी परिषद को विशेष प्रेरणा है- भोजन करते समय, गाड़ी चलाते समय और रात्रि 11 बजे बाद मोबाईल का प्रयोग न करें।
आज की युवा पीढ़ी सशक्त बने, अपने पारिवारिक सुदृढ़ संस्कार संघीय संस्कारों को पुष्ट बनाए रखें। समाज में शादी पार्टी के अवसरों पर जो शराब आदि का प्रचलन चल रहा है, उस पर ब्रेक लगाया जाए, सही दिशा की ओर प्रस्थान हो। साध्वीश्री के आह्वान पर उपस्थित विशाल परिषद ने संकल्प स्वीकार किए। साध्वी श्री ने आगे कहा- अपनी सोच को सकारात्मक बनाएं। प्रवाहपाती न बनें, अपनी विवेक चेतना को जागृत करने के लिए यह शंखनाद हुआ। इसकी गूंज हर व्यक्ति तक पहुंचे। हम सौभाग्यशाली है, जिन्हें गुरु महाश्रमणजी जैसी विकासमयी अनुशासना प्राप्त है। अपेक्षा है, हम सबका दायित्व है, संघ के विकास में अपनी शक्ति का नियोजन करते रहें। गुरु दृष्टि के प्रति समर्पित होकर कार्य करते रहे।
साध्वी राजुलप्रभा जी ने कहा - युवाशक्ति का संकल्प प्रकाश की तरह रोशनी बिखेरने जैसा हो, कदम निरंतर गतिमान रहे, मंजिल अवश्य मिलेगी। साध्वी सुदर्शनप्रभा जी, साध्वी राजुलप्रभा जी एवं साध्वी चैतन्यप्रभाजी ने "युवा शक्ति का वर्धन हो, भिक्षु का शासन रोशन हो" गीत का संगान किया। तेयुप मलाड और तेयुप कांदिवली के सदस्यों ने विजय- गीत से मंगलाचरण किया। राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेश डागा ने कार्यक्रम के उद्‌घाटन की घोषणा की एवं श्रावक निष्ठापत्र का वाचन किया। तेरापंथ युवक परिषद, कांदिवली अध्यक्ष राकेश सिंघवी एवं तेरापंथ युवक परिषद, मलाड अध्यक्ष जयंती मादरेचा ने स्वागत संभाषण किया।
तेरापंथ सभा मुंबई अध्यक्ष माणक धींग ने सम्पूर्ण परिषदों के विकास की मंगल कामना करते हुए स्वागत स्वर प्रस्तुत किए। अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद कोषाध्यक्ष नरेश सोनी ने भावाभिव्यक्ति दी। अपने अध्यक्षीय भाषण में रमेश डागा ने कहा - आज साध्वीश्री जी की प्रेरणा से शंखनाद' के रूप में भव्य कार्यक्रम आयोजित हो रहा है। युवाशक्ति को बड़ी तादाद में देखकर मुझे गौरव की अनुभूति होती है। कामना करता हूँ युवाशक्ति निरंतर जुड़ती रहे, हमारा काफिला बढ़ता रहे।
इस अवसर पर उमा कोठारी ने "लाइफ स्टाइल एवं हेल्थ" विषय पर विचार व्यक्त किए। पार्थ जिन्दल ने बिजनेस मोटिवेशन हेतु Redeveloping opportunities in India' विषय पर वक्तव्य प्रस्तुत किया। प्रशान्त तातेड़, शाखा प्रभारी एवं रवि डोसी ने दोनों वक्ताओं का परिचय प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के दूसरे सत्र में संविधान से श्रम का आधार पर अभातेयुप महामंत्री अमित नाहटा ने विचारों को अभिव्यक्त किया। मुंबई की उपस्थित सभी तेयुप परिषद के अध्यक्षों एवं उनकी टीम को राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेश डागा ने शपथ दिलाई। तेरापंथ युवक परिषद कांदीवली मंत्री पंकज कच्छारा ने आभार ज्ञापन किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद सहमंत्री भूपेश कोठारी ने किया।