दंपत्ति शिविर का भव्य आयोजन
साध्वी डॉ. पीयूषप्रभाजी के सान्निध्य में दंपत्ति शिविर का भव्य आयोजन किया गया। शिविर में सफाला, केलवे रोड, बोईसर, मनोर, मलाड (मुम्बई) आदि क्षेत्रों से 70 दंपत्ति शरीक हुए। साध्वीश्री द्वारा णमोकार मंत्र से कार्यक्रम प्रारंभ हुआ। कार्यक्रम के संयोजक ने मंगलाचरण किया। शिविर में सुखी परिवार का प्रतिरूप हाथों से निर्मित घर का अनावरण किया गया। घरों को सुरक्षित रखने वाली संस्कारों की छतरी खोली गयी। सभा अध्यक्ष चतर तलेसरा ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया। रिश्तों में मिठास कैसे भरें इस विषय पर साध्वी पीयूषप्रभाजी ने अपने संबोधन में कहा- जो व्यक्ति जीवन में बोल देता है वह अपने रिश्तों में मिठास बढ़ा देता है। उनके जीवन का सफर सुखमय बन जाता है। व्यक्ति अपने जीवन में बहुत कुछ पाना चाहता है पर अपना अमूल्य समय केवल चीजों को प्राप्त करने में बर्बाद कर देता है। अपनी इच्छा-आकांक्षाओं को सीमित करें तो समस्याओं का समाधन हो सकता है। दांपत्य जीवन को विवाद का विषय न बनाएं। अनेकान्त दृष्टि को अपना कर रिश्ता मधुर, आनंदमय बन सकता है। साध्वी भावनाश्री जी ने परिवार के अक्षरों का विश्लेषण कर परिवार का महत्व बताया। साध्वी सुधाकुमारी जी ने भावपूर्ण गीत की प्रस्तुति दी। साध्वी दीप्तियशाजी ने सुखमय जीवन के वाक्य को अर्थपूर्ण बनाने का व्याकरण बताया। महासभा कार्यकारिणी सदस्य दिलीप राठोड़ ने भावों की प्रस्तुति दी। शिविर के प्रायोजक खुबीलाल सिंघवी का सभा की ओर से सम्मान किया गया। आभार ज्ञापन महिला मंडल अध्यक्ष संगीता चपलोत ने किया। संचालन दीपिका बदामिया बाफना ने किया।