रक्षाबन्धन कार्यशाला व 78वां स्वतंत्रता दिवस समारोह का आयोजन
अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद द्वारा निर्देशित एवं तेरापंथ युवक परिषद कांदिवली द्वारा आयोजित रक्षा बन्धन कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए साध्वी डॉ. मंगलप्रज्ञा जी ने कहा- हर व्यक्ति अपने जीवन में स्वतंत्रता चाहता है, परतंत्र रहना कोई नहीं चाहता। प्राचीन साहित्य में कहा गया है- जो स्ववश में होता है, वह सुखी होता है और जो दूसरों के वशीभूत होता है- वह दुःख का अनुभव करता है। आज का दिन भारत के लिए गौरव का दिन है, क्योंकि भारत परतंत्रता की बेड़ियों से मुक्त हुआ था, स्वतंत्रता की सांस ली। अपना सब कुछ होते हुए भी भारत ने परायापन का अनुभव किया। स्वतंत्रता का अर्थ स्वच्छंदता नहीं है। साध्वी डॉ. मंगल प्रज्ञा जी ने कहा- आवश्यकता है - स्वतंत्रता अभिशाप नहीं, वरदान बने। हर भारतवासी अपने पर अपना अनुशासन करे। विवेक चेतना जागृत करे। अध्यात्म के संदर्भ में विचार करें तो हमें असली आजादी का अनुभव करना चाहिए, वह है हमारी आत्मा की स्वतंत्रता। हमारी आत्मा अनन्त काल से कर्मों के कारण परिभ्रमण कर रही है, कर्मों की जंजीर से जकड़ी है। उसे मुक्त करने का प्रयास करें, यह सही अर्थ में स्वतंत्रता है।
कांदिवली महिला मंडल ने मंगलाचरण प्रस्तुत किया। साध्वी सुदर्शनप्रभा जी, साध्वी अतुलयशाजी, साध्वी राजुलप्रभाजी, साध्वी चैतन्यप्रभाजी ने ‘शुभ संकल्प सजाएं’ गीत का संगान किया। किशोर मंडल एवं कन्या मंडल ने – ‘अन्त्याक्षरी संगान राष्ट्र के नाम’ कार्यक्रम प्रस्तुत किया। ज्ञानशाला के ज्ञानार्थियों ने – ‘हम स्वतंत्र भारत के यात्री’ कार्यक्रम की मोहक प्रस्तुति दी। जैन संस्कारक शान्ति लाल कोठारी, पारसमल दुगड़ सौरभ दुधोड़िया ने जैन संस्कार विधि से रक्षाबन्धन मनाने की प्रक्रिया प्रस्तुत की। साध्वी अतुलयशा जी ने कहा- स्वच्छंदता का निरोध करना ही वास्तविक स्वतंत्रता है। मंच संचालन साध्वी चैतन्यप्रभा जी ने किया।
रक्षाबंधन कार्यशाखा में श्रावक-श्राविका परिवार की सराहनीय उपस्थिति रही। कार्यशाला आयोजन से पूर्व - तेरापंथ भवन प्रांगण में ध्वजारोहण हुआ। तेरापंथ युवक परिषद के सदस्यों ने राष्ट्र के प्रति सद्भाव व्यक्त करते हुए स्वर संगान किया। प्रेक्षाध्यान प्रशिक्षिका विमला दुगड़ ने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर तेयुप कांदिवली-मलाड़ ने श्री तुलसी महाप्रज्ञ फाउंडेशन के अध्यक्ष एवं ‘शंखनाद’ समारोह के प्रायोजक मेघराज धाकड़ का सम्मान किया। अंत में तेयुप अध्यक्ष राकेश सिंघवी एवं मन्त्री पंकज कच्छारा ने जैन संस्कारक पारसमल दुग्गड़, शान्तीलाल कोठारी एवं सौरभ दुधोड़िया एवं रक्षाबंधन कार्यशाला के प्रायोजक प्रकाश भेरुलाल बोहरा का आभार ज्ञापित किया।