प्लास्टिक के नुकसान से बचने का करें प्रयास

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प्लास्टिक के नुकसान से बचने का करें प्रयास

शांतिदूत आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य कार्यशाला आयोजित की गई। तेरापंथ सभा भवन में समृद्ध राष्ट्र योजना के अंतर्गत अखिल भारतीय महिला मंडल द्वारा निर्देशित नो यूज प्लास्टिक बैग की कार्यशाला का आयोजन मुनि सुमति कुमार जी ठाणा तीन के सानिध्य में किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ बहनों ने नमस्कार महामंत्र से किया। तेरापंथ महिला मंडल की बहनों द्वारा मंगलाचरण किया गया। मुनिश्री ने कहानी के माध्यम से प्लास्टिक के उपयोग से होने वाले नुकसान के बारे में जानकारी दी। मुनि सुमतिकुमार जी ने कहा कि प्लास्टिक उपयोग से सभी वर्ग के जीवों को हानि पहुंचती है। प्लास्टिक से बहुत से जानवरों को मृत्युदंड मिल जाता है। जानवर ना तो बोल सकते हैं, ना ही अपनी तकलीफ किसी को बता सकते हैं, प्लास्टिक के सेवन से उनकी अकाल ही मृत्यु हो जाती है।
वर्तमान में हम देख रहे हैं कि मनुष्य में भी प्लास्टिक का प्रयोग करने पर शरीर पर इस का प्रभाव दिख रहा है जैसे कि कैंसर, अस्थमा, पेट की बीमारियां आदि ये सब सुनने को मिलता है। प्लास्टिक का उपयोग करने पर मनुष्यों और जानवरों दोनों पर प्रभाव पड़ रहा है। इसलिए इसका उपयोग हमें ज्यादा से ज्यादा कम करना चाहिए। मुनि देवार्य कुमार जी ने कहा कि हमें प्लास्टिक के उपयोग से बचना चाहिए क्योंकि वह पृथ्वी के लिए हानिकारक है और इससे सभी को ज्यादा नुकसान होता है। तेरापंथ महिला मंडल पाली की अध्यक्ष सुषमा डागा ने अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल द्वारा संचालित 'रीसाइकल ऑफ प्लास्टिक' के बारे मे जानकारी देते हुए सभी के प्रश्नों का समाधान दिया। बबिता सालेचा ने सबका आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन मंत्री सीमा मरलेचा ने किया।