धार्मिक संगीत प्रतियोगिता का आयोजन

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धार्मिक संगीत प्रतियोगिता का आयोजन

आचार्य महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि जिनेश कुमार जी के सान्निध्य में तथा दक्षिण हावड़ा तेरापंथ युवक परिषद के तत्वावधान में धार्मिक संगीत प्रतियोगिता का आयोजन प्रेक्षा विहार में हुआ। इस अवसर पर मुनि जिनेश कुमार जी ने कहा- भारतीय साधना पद्धति में संगीत का विशेष स्थान है। संगीत रस है, वेद है, संगीत में ताकत है। संगीत के माध्यम से अनेक प्रकार की चिकित्सा भी कर सकते हैं। संगीत एक ऐसा माध्यम है जिससे व्यक्ति रागी से वीतरागी बन जाता है। जिसके पास कंठ होते हैं, गाने की कला होती है तो जनता को बांधे रखता है। साधु-साध्वियां प्रवचन में भी संगीत का उपयोग करते हैं। मुनिश्री ने आगे कहा- समाज में बहुत प्रतिभाएं है। उनको तराशने का मौका मिलता है। ‌प्रतियोगिता प्रतिस्पर्धा के लिए नहीं ज्ञान वृद्धि को लिए होनी चाहिए। ऐसे कार्यक्रमों से शासन की प्रभावना भी होती है। कनिष्ठ ग्रुप में प्रथम हेदया भट्टेरा, द्वितीय इशिका गधैया, तृतीय मायरा चिंडालिया व आरव बरमेचा, टीनेजर्स ग्रुप में प्रथम हर्ष संचेती, द्वितीय गरिमा दुगड़, तुतीय हर्षल राखेचा रहे। तेरापंथ युवक परिषद द्वारा प्रतियोगियों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के निर्णायक उत्तमचंद बैद, डॉ. अरिहंत सिंघवी, अंशु सेठिया थे। कार्यक्रम का प्रारंभ तेरापंथ युवक परिषद व किशोर मंडल सदस्यों के संगान से हुआ। इस अवसर पर तेरापंथ युवक परिषद अध्यक्ष गगन दीप बैद ने स्वागत भाषण, आभार मंत्री अमित बैगानी व संचालन मोहित नाहटा ने किया।