भिक्षु दर्शन को समझकर आध्यात्मिक पथ पर बढ़ें आगे

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भिक्षु दर्शन को समझकर आध्यात्मिक पथ पर बढ़ें आगे

‘शासनश्री’ साध्वी शिवमालाजी आदि ठाणा 4 के सान्निध्य में अभातेयुप द्वारा निर्देशित भिक्षु दर्शन प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। नमस्कार महामंत्र के उच्चारण के पश्चात विजय गीत का संगान भिक्षु प्रज्ञा मंडली द्वारा प्रस्तुत किया गया। श्रावक निष्ठा पत्र का वाचन तेयुप के पूर्व अध्यक्ष राजकुमार सांखला ने किया। तेरापंथ युवक परिषद अध्यक्ष अभिनंदन नाहटा ने सभी का स्वागत करते हुए आचार्य भिक्षु के जीवन पर प्रकाश डाला। सभा अध्यक्ष सुशील संचेती ने सभी संघीय संस्थाओं के तरफ से तेयुप को कार्यक्रम आयोजन करने पर बधाई एवं मंगलकामनाएं प्रेषित की। साध्वी अमित रेखा जी ने कहा कि संपूर्ण समाज को आचार्य भिक्षु के जीवन से प्रेरणा लेकर आध्यात्मिक पथ पर आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि आचार्य भिक्षु का जीवन संघर्षों से भरा था पर उन्होंने संयम के पथ को कभी नहीं छोड़ा ठीक उसी प्रकार हम भी संयम के मार्ग को नही छोड़ना चाहिए। तेरापंथ किशोर मंडल के सदस्यों ने आचार्य भीखण जी के जीवन के विभिन्न प्रेरक प्रसंगों को एक नाटिका के माध्यम से प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में मुमुक्षु मानवी आंचलिया का सभी संघीय संस्थाओं द्वारा अभिनंदन किया गया एवं आध्यात्मिक मंगलकामनाएं प्रेषित की गई। मुमुक्षु मानवी आंचलिया ने अपने वक्तव्य में सभी को विभिन्न परिस्थिति में समभाव रहने की प्रेरणा दी। साध्वी अर्हमप्रभाजी एवं साध्वी रत्नप्रभाजी ने मुमुक्षु के प्रति मंगलकामना प्रेषित की। ‘शासनश्री’ साध्वी शिवमाला जी ने आचार्य भिक्षु के जीवन के महत्वपूर्ण बिंदुओं को उजागर करते हुए उन्हें अपने जीवन में उतारने की प्रेरणा दी। साध्वी श्री ने मुमुक्षु के प्रति शुभेच्छा प्रेषित करते हुए हैदराबाद श्रावक समाज से ज्यादा से ज्यादा लोगों को वीतराग पथ पर बढ़ने की प्रेरणा दी। साध्वीवृंद ने गीतिका का संगान किया।