ज्ञानशाला दिवस पर विविध आयोजन
साध्वी रचनाश्रीजी ने ज्ञानशाला दिवस के अवसर पर कहा कि तेरापंथ धर्मसंघ के दूरदर्शी आचार्यों ने देखा कि नींव को मजबूत बनाना जरूरी है। यदि नींव मजबूत है तो उस पर कई मंजिला इमारत खड़ी हो सकती है। आचार्य श्री तुलसी, आचार्य श्री महाप्रज्ञजी और आचार्य श्री महाश्रमणजी ने नींव को मजबूत किया है और कर रहे हैं। छोटे-छोटे बच्चे भविष्य के समाज की नींव है। ज्ञानशाला उनमें अच्छी आदतों का निर्माण करता है। ज्ञानशाला में ज्ञान का प्रकाश और कषाय के उपशम का प्रशिक्षण दिया जाता है ताकि जीवन रूपी गाड़ी सुचारू रूप से चल सके। सभा अध्यक्ष निर्मल नाहटा, उर्मिला घीया, अंजू कठोतिया, ज्योति छाजेड़, मनीष दुगड़ ने अपने भाव व्यक्त किए। पलासिया भवन व जंगमपुरा भवन में संचालित ज्ञानशाला की कक्षाओं में सर्वाधिक उपस्थिति दर्ज करवाने वाले ज्ञानार्थी और प्रशिक्षिकाओं को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम
का मंगलाचरण मुख्य प्रशिक्षका मधु फलोदिया ने किया। विद्यार्थियों के द्वारा अनेक ज्ञानवर्धक प्रस्तुतियां दी गई। बच्चों ने ‘ज्ञानशाला की यह शिक्षा, पर्यावरण की करें सुरक्षा’ नाटक की भावपूर्ण प्रस्तुति दी। प्रशिक्षिकाओं ने कार्यक्रम का मंगलाचरण किया।