ज्ञानशाला दिवस पर विविध आयोजन
तेरापंथ भवन कांदिवली में साध्वी डॉ मंगलप्रज्ञा जी के सान्निध्य में कांदिवली, गोरेगांव, जोगेश्वरी और मलाड की ज्ञानशालाओं ने उत्साह के साथ ज्ञानशाला दिवस मनाया। इस अवसर पर साध्वीश्री ने कहा- भगवान महावीर ने उत्तराध्ययन सूत्र में बहुश्रुत पूजा अध्ययन में ज्ञान प्राप्ति में बाधक पांच तत्वों का उल्लेख किया है। पहला बाधक तत्व है- अहंकार। ज्ञान ग्रहण के लिए विनम्र होना आवश्यक है। क्रोधी स्वभाव भी ज्ञान प्राप्ति में बड़ा बाधक है, इस स्थिति में ज्ञान चेतना आवृत्त हो जाती है। प्रमादी व्यक्ति समय का मूल्य नहीं समझता, वह ज्ञान की दिशा में बढ़ ही नहीं सकता। ज्ञान प्राप्त करने के लिए आलस्य को तिलांजलि देनी होगी, जागृत चेतना वाला ही ज्ञान का समयक् अर्जन कर सकता है। रोगी व्यक्ति ज्ञान प्राप्त करने में अक्षम होता है। स्वस्थ वह होता है, जिसका भोजन पर अनुशासन होता है। ज्ञानार्थियों को विशेष प्रेरणा देते हुए साध्वीश्री ने कहा- जंक फूड आदि के सेवन से शरीर का पाचनतंत्र प्रभावित होता है, इसलिए इससे बचने का प्रयास हो। इसके साथ ही अपथ्य और अतिभोजन भी वर्जनीय है। ज्ञान विकास के लिए स्वावलम्बन जरूरी है। ज्ञानवृद्धि अनुष्ठान में संभागी ज्ञानार्थियों एवं परिषद को ज्ञान प्राप्ति में सहायक तत्वों की चर्चा करते हुए सैद्वान्तिक एवं प्रायोगिक टिप्स साध्वीश्री द्वारा प्रदान किए गए। कार्यक्रम का प्रारंभ ज्ञानशाला प्रशिक्षिका परिवार के संगान से हुआ। डालगणी जोन संयोजिका सेजल चौरड़िया ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया। साध्वी वृंद ने गीत का सामूहिक संगान किया। बच्चों द्वारा ‘आचार्य महाप्रज्ञ सूपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल’ का विशेष आयोजन दर्शकों के आकर्षण का केन्द्र रहा। इस आयोजन में पांच क्षेत्रों की नौ ज्ञानशालाओं ने डॉक्टर की भूमिका अदा करते हुए, शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रोगों के निदान के लिए समाधान बताए। सहसंयोजिका मोनिका चोपड़ा ने आभार ज्ञापन किया एवं कार्यक्रम का कुशल संचालन प्रशिक्षिका संगीता इंटोदिया ने किया।