आयम्बिल तप एवं अनुष्ठान

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आयम्बिल तप एवं अनुष्ठान

साध्वी डॉ. मंगलप्रज्ञाजी के सान्निध्य में तेरापंथ महिला मंडल कांदिवली के तत्वावधान में आयम्बिल तप एवं जप का भव्य अनुष्ठान आयोजित हुआ। सैंकड़ो भाई-बहनों ने इस अनुष्ठान में संभागिता दर्ज की। इस अवसर पर साध्वी श्री ने कहा कि भगवान महावीर ने कहा है हमारी शरीर धर्म साधना का महत्वपूर्ण आलम्बन है। इस शरीर के द्वारा ही ज्ञान, दर्शन, चारित्र और तप की विशेष आराधना की जाती है। कर्म बन्धनों को तोड़ने का सशक्त माध्यम है हमारा शरीर। इसलिए कहा जाता है कर्म करते समय हमेशा जागरूक रहना चहिए। वर्तमान के पुरूषार्थ से अशुभ कर्म को शुभ में परिवर्तित किया जा सकता है। कर्मों को हल्का करने की अनेक साधना है। आयंबिल अनुष्ठान एक विघ्न विनाशक शांति प्रदायक आनन्द प्रदायक साधना है। साध्वीश्री ने आगे कहा- अध्यात्म विकास के लिए समय-समय पर तप-जप के अनुष्ठान आवश्यक हैं। शरीर स्वास्थ्य की दृष्टि से भी संयम की यह साधना उत्तम है। साध्वीश्री ने सम्पूर्ण परिषद् को विविध मंत्रों के साथ अनुष्ठान करवाया। साध्वी सुदर्शनप्रभा जी, साध्वी राजुलप्रभा जी एवं साध्वी शौर्यप्रभा जी ने ‘आत्म साधना का आलम्बन करे शक्ति संचार’ गीत का संगान किया। तेरापंथ महिला मंडल कांदिवली की अध्यक्षा विभा श्रीश्रीमाल ने स्वागत स्वर प्रस्तुत किया।