सवा ग्यारह करोड़ का जप एवं छः पचरंगी तप का आयोजन

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सवा ग्यारह करोड़ का जप एवं छः पचरंगी तप का आयोजन

साध्वी अणिमाश्रीजी की प्रेरणा से पीतमपुरा में पहली बार एक साथ छः पचरंगी हुई। सवा ग्यारह करोड़ का भिक्खू स्वाम जप का महायज्ञ भी साध्वी वृन्द की प्रेरणा से चल रहा है, जिसमें लगभग नौ सौ व्यक्ति इस महायज्ञ में जप के द्वारा अपनी आहुति दे रहे हैं। साध्वी अणिमाश्री जी ने अपने उद्वोधन में कहा- पूज्यप्रवर ने महत्ती कृपा कर हमें पीतमपुरा क्षेत्र बक्साया। पीतमपुरा चोखले के भाई-बहनों की तप-जप एवं भगवत्वाणी से प्रीत लग गई है। ग्यारह करोड़ भिक्खुस्याम का जप अपने आपमें महत्वपूर्ण अनुष्ठान है। यह छोटा सा मंत्र आत्म उज्जवलता को बढ़ाने वाला, कर्म मल का शोधन करने वाला एवं विघ्न बाधाहारी एवं कल्याणकारी है। पचरंगी तप अपने आप में विशिष्ट तप है। पीतमपुरा में पहली बार छ पंचरंगी एक साथ होना तपभक्ति की अभिव्यक्ति है। चातुर्मास तपस्या का सीजन है। तप की इस सीजन में तप-गंगा में अवगाहन कर आत्मा को पावन एवं पुनीत बनाएं। साध्वी कर्णिकाश्री जी ने महावीर वाणी का सुधापान कराया। डॉ. साध्वी सुधाप्रभाजी, साध्वी समत्वयशाजी एवं साध्वी मैत्रीप्रभाजी ने अपने भावों की अभिव्यक्ति दी। सभाध्यक्ष लक्ष्मीपत भतोड़िया ने अपने विचार व्यक्त किए।