मगधभाषा अनुचिंतन सेमिनार का आयोजन

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मगधभाषा अनुचिंतन सेमिनार का आयोजन

अणुव्रत भवन में साध्वी डॉ. कुन्दनरेखा के सान्निध्य में मगधभाषा अनुचिंतन सेमिनार का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में नेपाल के डॉ. केशव मान शाक्य विशेष रूप से उपस्थित थे। विभिन्न देशों से प्रबुद्ध वर्ग के लोग इस सेमिनार में शामिल हुए। संगोष्ठी में मगध भाषा को भारतीय भाषाओं में शामिल करने पर विशेष चिंतन किया गया। साध्वी कुन्दनरेखा ने कहा कि भगवान महावीर ने अर्धमागधी भाषा में प्रवचन दिए थे, जो न केवल आगमों के रूप में है, अपितु साधनारत साधकों को प्रेरित करते हैं, साथ ही समाज की दिशा और दशा को भी निर्धारित करने में सहायक हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय भाषाओं में मगध भी एक महत्वपूर्ण भाषा है, जैसा कि भगवान महावीर के प्रवचनों से प्रमाणित होता है। राष्ट्रहित चिंतक मंच के तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम में बिहार, उत्तरप्रदेश, हरियाणा, पंजाब और दिल्ली से कई प्रबुद्ध महानुभाव शामिल हुए। संगोष्ठी का कुशल संचालन संजय अणुव्रती ने किया। राजेश कश्यप और विनोद आर्य ने अपने भावों की अभिव्यक्ति दी।