मासखमण तपोभिनंदन कार्यक्रम

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मासखमण तपोभिनंदन कार्यक्रम

साध्वी अणिमाश्रीजी के सान्निध्य में खिलौनी देवी धर्मशाला में माया सुरेश भंसाली का इस चातुर्मास का दिल्ली महानगर का पहला मासखमण तप अभिनंदन कार्यक्रम आयोजित हुआ। साध्वी श्री ने कहा- जिनशासन का प्राणतत्व है- तपस्या। तपस्या जिनशासन का श्रृंगार है, भैक्षण-गण का आधार है। आज भी हजारों-हजारों तपस्वी तपस्या करके गण की नीवों को मजबूती प्रदान कर रहे हैं। तपस्या कर्म निर्जरा का अमोघ साधन है। तपस्या वह संजीवनी बूटी है जिसे लेकर व्यक्ति आधि-व्याधि एवं उपाधि से मुक्त बन सकता है। तपस्या वह रामबाण औषधि है जिससे तपस्वी कर्म रोग से निजात पा सकता है।
साध्वीश्री ने कहा तपस्विनी बहन माया ने मासखमण जैसा दुष्कर तप किया है। तेरह की तपस्या का पारणा करने वाली बहन गुरूदेव के आशीर्वाद एवं हमारी प्रेरणा से आगे बढ़ गई और आाज मासखमण तक पहुंच गई। डॉ. साध्वी सुधाप्रभा जी ने अपने विचार व्यक्त किए। साध्वी वृंद ने मासखमण की अनुमोदना सुमधुर स्वर लहरी से की। साध्वी प्रमुखाश्री जी के संदेश का वाचन मंत्री विरेन्द्र जैन ने किया। दिल्ली सभा उपाध्यक्ष विमल बैंगाणी, पीतमपुरा सभा अध्यक्ष लक्ष्मीपत भूतोड़िया, तेयुप से रवि जैन, महिला मंडल से इन्दु पटावरी, परिवार से संजय बोथरा आदि ने तप की अनुमोदना की। भिक्षु भक्त मंडल ने मंगल संगान किया। महिला मंडल एवं पारिवारिक बहनों ने तप अनुमोदना में गीत की प्रस्तुति दी। आभिनंदन पत्र का वाचन पूर्व मंत्री सुरेन्द्र मालू ने किया।