माता-पिता केवल जन्म ही नहीं, अच्छा जीवन भी देते हैं
मुनि जिनेशकुमार जी ठाणा-3 के सान्निध्य में तेरापंथ युवक परिषद साउथ हावड़ा द्वारा प्रेक्षा विहार में भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में 6 से 19 वर्ष के कुल 29 प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिसमें कनिष्ठ वर्ग और टीनएजर्स वर्ग शामिल थे। निर्णायक मंडल में सुशील चोरड़िया, प्रकाश मालू, और सुशील चौपड़ा थे। कनिष्ठ वर्ग में प्रथम मायरा चण्डालिया, द्वितीय तनिष्का कोठारी और तृतीय रसिका सिंघी रही। टीनएजर्स वर्ग में प्रथम चाहत सुराणा और द्वितीय दिव्यम बैद रहे। मुनि जिनेशकुमार जी ने धर्मसभा को संबोधित करते हुए माता-पिता और गुरु की महत्ता पर प्रकाश डाला और बच्चों को अच्छे संस्कार देने की आवश्यकता पर जोर दिया।
माता-पिता केवल जन्म ही नहीं, जीवन भी देते हैं। वे ही माता-पिता भाग्यशाली होते हैं जो अपने बच्चों को सद्मार्ग व धर्म की ओर अग्रसित करते हैं। माता-पिता स्वयं संस्कारी बने, चरित्रवान बने और धर्म के प्रति आस्था रखें तो बच्चे अच्छे इन्सान बनते हैं। मुनिश्री ने मित्रता के बारे में बताते हुए कहा कि वास्तव में अपनी आत्मा ही मित्र है। व्यवहार के धरातल पर हम यह कह सकते है कि मित्र वह होता है जो सुख-दुःख में काम आता है। स्वार्थी, लोभी, क्रोधी दोस्त पग-पग पर नुकसान पहुंचाते हैं, इसलिए सोच विचार कर दोस्त बनाना चाहिए। कार्यक्रम का शुभारंभ मंगलाचरण से हुआ। स्वागत भाषण तेयुप उपाध्यक्ष विक्रम भंडारी ने और आभार ज्ञापन मंत्री अमित बैगवानी ने किया। सभी विजेताओं और प्रतिभागियों को पुरस्कार प्रदान किए गए। कार्यक्रम का संचालन भरत भंडारी ने किया।