दंपत्ति कार्यशाला का आयोजन

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दंपत्ति कार्यशाला का आयोजन

सोदंत्ती, कर्नाटक। साध्वी सोमयशा जी के सान्निध्य में श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथ भवन में दंपत्ति कार्यशाला आयोजन किया गया। साध्वी सोमयशाजी ने उपस्थित दम्पतियों को प्रेरणा प्रदान करते हुए कहा कि- भारतीय संस्कृति में संबंधों की पवित्रता अनादिकाल से रही है, परंतु वर्तमान भौतिक युग में दम्पत्ति के त्याग व समर्पण के जीवन में कमी आ रही है। पति-पत्नी दोनों की उपेक्षा नहीं अपेक्षा समझे। रहना सीखें, सहना सीखें तो हर समस्या समाहित हो सकती है। डॉ. साध्वी सरलप्रभाजी ने कहा कि रिश्ते बनाना आसान होता है पर रिश्तों को निभाना बहुत मुश्किल होता है। परिवार का अहम् रिश्ता होता है पति-पत्नी का, अगर पति पतंग बन जाए तो पत्नी उसकी डोर बन जाए। एक-दूसरे को सहन करने की आदत डालें। कार्यशाला में तेरापंथी एवं जैन समाज के लगभग 25 दंपत्ति तथा श्रावक-श्राविकाओं की उपस्थिति रही। तेरापंथ सभा के अध्यक्ष जगदीश कोठारी ने आभार प्रकट किया।