तंत्र-मंत्र-यंत्र प्राण शक्ति को बढ़ाता है

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तंत्र-मंत्र-यंत्र प्राण शक्ति को बढ़ाता है

‘जैन वांग्मय दिव्य ज्योतिष कार्यशाला - जैन आगमों में तंत्र-मंत्र-यंत्र’ कार्यक्रम का शुभारंभ नमस्कार महामंत्र से मुनि कुलदीपकुमार जी ने किया। स्वागत भाषण सभा अध्यक्ष सुरेश डागलिया द्वारा हुआ। मुनि कुलदीप कुमार जी ने कहा जैन परंपरा में ज्योतिष और वास्तु पर बहुत विस्तार पूर्वक लिखा गया है। जो विधि-पूर्वक यंत्र-मंत्र-तंत्र को कार्य में लेता है वो विशेष लाभान्वित हो सकता है। मुनि मुकुलकुमार जी ने कहा जीवन में होने वाली गलतियों को सुधार कर शुभ भविष्य का निर्माण करने वाली विद्या का नाम है ज्योतिष। मंत्र प्राण शक्ति को बढ़ाता है, सिद्धि देता है, संकल्प को मजबूत करता है, मंत्र दूषित प्रकम्पनों को नष्ट करता है।
यंत्र का अर्थ है कि एक निश्चित सीमा में रक्षा करने एवं इच्छाओं को पूर्ण करने वाला। तंत्र का अर्थ है संपूर्ण जागरण और अक्षय सुख। मुनि मुकुलकुमार जी ने जैन शास्त्र के प्राचीनतम् दुर्लभतम मंत्र, तंत्र एवं यंत्र, वास्तु विज्ञान आदि की जानकारी प्रदान कर श्रोताओं का पथ प्रदर्शन किया। सकल जैन समाज से पदाधिकारी गण एवं स्थानीय सभा संस्थाओं के पदाधिकारी गण एवं श्रावक समाज अनेकों उपनगरीय क्षेत्रों से भाई बहनों की अच्छी उपस्थिति रही। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में आचार्य महाप्रज्ञ विद्या निधि फाउंडेशन के अध्यक्ष कुंदनमल धाकड़, कार्याध्यक्ष गणपतलाल डागलिया, श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा दक्षिण मुंबई, तेरापंथ युवक परिषद, तेरापंथ महिला मंडल, अणुव्रत समिति, किशोर मंडल, कन्या मंडल आदि संस्थाओं के कार्यकर्ताओं का विशेष श्रम रहा।
कार्यक्रम के संयोजक गणपतलाल डागलिया, सह संयोजक देवेंद्र डागलिया, नितेश धाकड़, रौनक धाकड़, पुष्पा कच्छारा, कार्यक्रम प्रयोजक श्रद्धा की प्रतिमूर्ति पुष्पा देवी मनोहरलाल, अशोक कुमार वागरेचा, प्रभाबेन प्रभुलाल मेहता, मनोहर लाल डागा आदि का विशेष सहयोग रहा। आभार ज्ञापन युवक परिषद अध्यक्ष गिरीश सिसोदिया ने किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन सभा मंत्री दिनेश धाकड़ ने किया।