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मासखमण तप अभिनंदन समारोह का भव्य कार्यक्रम आयोजित
महातपस्वी युग प्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी मंजू यशा जी ठाणा-4 के सान्निध्य में तेरापंथ सभा की ओर मासखमण तप अभिनंदन समारोह का भव्य आयोजन हुआ। कार्यक्रम का प्रारंभ साध्वीश्री जी ने नमस्कार महामंत्र उच्चारण से हुआ। साध्वीश्री ने मासखमण की तपस्या करने वाले गणपतलाल मेहता की हिम्मत की प्रशंसा करते हुए अपने उद्बोधन में कहा- भगवान महावीर से गणधर गौतम ने प्रश्न किया- भंते! तपस्या से जीव क्या प्राप्त करता है? उत्तर मिला तपस्या से पूर्व संचित कर्मों को दूर किया जा सकता है। सचमुच तप वह है जो आत्मा को पवित्र बनाता है, साधना का मार्ग प्रशस्त करता है, सहिष्णुता की शक्ति का विकास करता है। तप वह है जो आत्मा के विजातीय तत्वों को दूर करता है। उन्होंने आगे कहा- तप करने करने से शारीरिक बल के साथ अटूट संकल्प, धैर्यता, इंद्रिय संयम मनोबल, कषाय विसर्जन आदि गुणों को उजागर करते हैं।
इस अवसर पर साध्वी चिन्मयप्रभा जी, साध्वी इंदुप्रभा जी एवं साध्वी मानसप्रभा जी ने गीत, भाषण के द्वारा तपस्वी के तप की अनुमोदना की। सकल जैन समाज के अध्यक्ष ईश्वरचंद्र समोता, तेरापंथ सभा के अध्यक्ष विश्वजीत कर्णावट, तेरापंथ युवक परिषद के मंत्री हितेश कोठारी, तेरापंथ महिला मंडल की अध्यक्षा मंजू पोरवाल आदि अनेक पदाधिकारियों तथा उनके पारिवारिक सदस्यों आदि ने तपस्वी के प्रति अनुमोदना की भावना व्यक्त की। तेरापंथ महिला मंडल द्वारा मधुर गीत का संगान किया गया। पीयूष कोठारी व कनक समोता द्वारा एक लघु परिसंवाद प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम का संचालन साध्वी चिन्मयप्रभा जी द्वारा किया गया।