भाई-बहन के त्यौहार रक्षाबंधन पर विविध आयोजन

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भाई-बहन के त्यौहार रक्षाबंधन पर विविध आयोजन

डॉ. साध्वी शुभप्रभाजी के सान्निध्य में तेरापंथ युवक परिषद् के तत्वावधान में जैन संस्कार विधि से रक्षाबंधन कार्यशाला का आयोजन किया गया। साध्वीश्री ने कहा - भारतीय परम्परा में पर्वों का विशेष महत्व रहा है। मुख्य चार पर्वों की विशेष भूमिका रही है। चार पर्व हैं- दीवाली, होली, दशहरा, रक्षाबंधन। रक्षाबंधन भाई-बहन के पवित्र सम्बन्ध की सुवास बिखेरता है। अंगूठे से तिलक लगाने पर दर्शन केन्द्र से ज्योति केन्द्र तक का स्थान जागृत होता है। चावल-अक्षय बनने की प्रेरणा देता है। मौली - कलाई पर बांधते है, जिसका मतलब है तुम अपने विकारों पर नियंत्रण रखो। मुंह मीठे से तात्पर्य है वाणी को इष्ट, मिष्ट, शिष्ट, विशिष्ट बनाओ। रिटर्न गिफ्ट के रूप में भाई बहन को रुपए, आभूषण, वस्त्र के साथ सुरक्षा का आश्वासन देता है। परिषद् सदस्यों ने विजय गीत का संगान किया। परिषद् अध्यक्ष लोकेश जैन ने जैन संस्कार विधि से रक्षाबंधन का त्यौहार मनाने की प्रेरणा प्रदान की। ज्ञानशाला के ज्ञानार्थी भाई-बहिनों ने रक्षाबंधन का त्योहार मनाया।