78वें स्वतंत्रता दिवस समारोह पर विविध आयोजन
स्वाधीनता दिवस पर हमें अपने अतीत, वर्तमान और भविष्य के बारे में चिंतन करना चाहिए। भारत 2500 वर्ष पूर्व तक इकोनोमिकल, इंटेलेक्चुअल और स्प्रिचुअल पावर था। आज भी दुनिया की बड़ी कम्पनियों के अध्यक्ष भारतीय हैं। हमें गर्व होना चाहिए कि टैलेंट हंट के लिए कम्पनियां भारत आती हैं। दुनिया की बड़ी कम्पनियों में भारतीयों का निवेश है। उपरोक्त विचार जैन विश्व भारती संस्थान के कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ ने विश्वविद्यालय में आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह में रखे। उन्होंने कहा कि 19वीं सदी मैकाले की थी, 20वीं मार्क्स की और 21वीं सदी भारत की रहेगी। हम किसी देश को मिलाने, उसकी सीमाओं पर कब्जा करने में भरोसा नहीं करते, बल्कि सह अस्तित्व पर निर्भर हैं और 'विश्वगुरु' बनना चाहते हैं। कार्यक्रम में कुलपति ने झंडारोहण किया और एनसीसी द्वारा प्रस्तुत परेड की सलामी ली। रजिस्ट्रार डा. अजयपाल कौशिक, प्रो. जिनेन्द्र कुमार जैन व प्रो. बीएल जैन मंचस्थ रहे। कार्यक्रम में विभिन्न विभागों की छात्राओं ने अपनी सुंदर प्रस्तुतियां दी। सुनीता काजला का गीत, कंचन के मारवाड़ी में प्रस्तुत विचार एवं मुमुक्षु प्रियंका व प्रिया शर्मा के गीत को सभी ने सराहा।