नश्वर है जो गात
शासनश्री रतनश्री जी ने अद्भुत साहस दिखाया है।
तोल मनोबल अपना दुर्गम पथ अपनाया है।।
श्री डूंगरगढ़ में तुमने है जनम लिया
कुल चौरड़िया का नाम रोशन है किया
हूलासमल जी विद्या बाई के-2
मानो घर रत्न आया है-शासनश्री।।
गुरु तुलसी कर से संयम रत्न कर स्वीकार
कर तल स्पर्शी अध्ययन आगम का निकाला सार
विनय समपर्ण से गुरु दिल स्थान जमाया है-शासनश्री।।
शासनश्री सुव्रता जी शासनश्री जय कुलबाला
शासनश्री सुमनप्रभा जी अनुपम गुणों की माला
कार्तिक चिन्तन प्रभा जी ने जीवन सेवा में लगाया है-शासनश्री।।
दिल्ली में ही दूसरा जन्म दिल्ली से ही प्रस्थान,
पाने अमृत्व किया अनशन का अमृत पान
जीवन महके जो गुलशन स्वर्णिम कलश चढ़ाया है-शासनश्री ।।
मुनि अर्हत भरत मुनि की स्वीकारो मंगल कामना
लक्षित मंजिल का वरण करो भाते यही भावना
परदोहिता जयदीप चाहे आशिष सवाया है-शासनश्री।।