आओ महिमा गाएं रे...

आओ महिमा गाएं रे...

शासनश्री के अनशन की, आओ महिमा गाएं रे।
चढ़ते भावों से अनशन, सुन हरसाए रे।।
तीसरा मनोरथ हुआ पूरा, देते तुम्हें बधाई हम।
शिवरमणी का वरण करो, मंगल भाव सजाएं हम।
भावों की श्रेणी तेरी बढ़ती जाए रे।।
भारत की राजधानी में, संयमश्री को स्वीकारा।
बहत्तर साल का संयम पर्याय, जीवन तेरा मनहारा।
अनशन भी दिल्ली में, इतिहास रचाए रे।।
शासन मां के अणुओं से, तुमने ऊर्जा पाई है।
यही जगह और यही धरा, महरौली वरदाई है।
शासनश्री के अनशन से, दिल्ली महकाए रे।।
महरौली के प्रांगण में, आई आज दीवाली है।
शासनश्री का सुन अनशन, जन-जन में खुशहाली हो।
साध्वी सुधाप्रभा को, आशीष दिराए रे।।
प्रभावशाली संथारा, गण का रोशन नाम करे।
आत्मतीर्थ की महायात्री, लक्षित मंजिल वरण करे।
करना गण-सेवा निशदिन, संकल्प सजाए रे।।
लय- जीवन है पानी