मासखमण तप अभिनन्दन समारोह

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मासखमण तप अभिनन्दन समारोह

हिरियुर, कर्नाटक। साध्वी पावनप्रभाजी के सान्निध्य में तेरापंथ भवन में मासखमण के उपलक्ष्य में तप अनुमोदना और अभिनन्दन कार्यक्रम आयोजित किया गया। साध्वी श्री ने अपने उद्बोधन में कहा कि भैक्षव गण की नींव त्याग और तप पर आधारित है। तपस्या आत्मा को स्वर्ण समान निखारने वाली अग्नि है। तपस्या से आत्मा की शुद्धि होती है और करोड़ों भवों के संचित कर्म नष्ट होते हैं। साध्वी वृन्द ने गीतिका के माध्यम से तपस्वी बहन का उत्साहवर्धन किया। तप अनुमोदना में सभाध्यक्ष जयंतीलाल चौपड़ा, मंत्री देवराज चौपड़ा, और परिवार के अन्य सदस्यों ने विविध भारती के द्वारा भाग लिया। महिला मंडल ने सुमधुर गीतिका और "त्याग का कल्पवृक्ष" भेंट किया। साध्वी आत्मयशाजी ने साध्वी प्रमुखाश्री जी के अमृतपाथेय का वाचन करते हुए सभी को तप में आगे बढ़ने का आह्वान किया। सभा द्वारा तपस्वी सीमा चौपड़ा का अभिनन्दन किया गया, जिसमें संजना चौपड़ा, संतोष बाफना, मीनाक्षी गणधर चौपड़ा, संगीता चौपड़ा और छवि चौपड़ा ने विशेष संकल्प से स्वागत किया।