सास-बहू समन्वय कार्यशाला का आयोजन
डॉ. साध्वी शुभप्रभाजी के सान्निध्य में महिला मंडल के तत्वावधान में सास-बहू समन्वय कार्यशाला का आयोजन किया गया। साध्वी शुभप्रभाजी ने कहा- सप्ताह में सात दिन होते हैं, आठवां है परिवार। घर को स्वर्ग बनाने के लिए जरूरी है एकता, सह-भावना, सहनशीलता, प्रेम, विश्वास, मर्यादा और सीमाकरण। परिवार की रीढ़ है सास-बहू। उसमें सास की अहम् भूमिका है। वह घर की बुनियाद है। अगर बहू गृह काम को नहीं जानती तो उसे प्यार से सिखाएं। बहू की इच्छा का सम्मान करें। घर में बहू से प्रत्येक कार्य में सलाह, मशविरा करें। ज्यादा कहा-सुनी हो जाए तो खमतखामणा भी अवश्य करें। बहुएं भी सास को सम्मान दें, उनकी इज्जत करें, हर कार्य पूछकर करें। साध्वी कान्तयशा जी एवं साध्वी मन्दारयशा जी ने ‘सुणल्यो सासुजी’ गीत का संगान किया। महिला मण्डल की बहनें- संजू दूगड़, सुनीता कुण्डलिया ने सास-बहू एक्ट की सुन्दर प्रस्तुति दी। साध्वी अनन्यप्रभा जी ने 'समन्वय की अनुप्रेक्षा' का प्रयोग करवाया। कार्यशाला का प्रारम्भ बहनों ने मंगलाचरण से किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन महिला मंडल मंत्री मनीषा बैद ने किया।