मासखमण तप अनुमोदना कार्यक्रम
साध्वी अणिमाश्री जी के सान्निध्य में तेरापंथी सभा के तत्वावधान में खिलौनी देवी धर्मशाला में मासखमण तप साधिका फूलदेवी विनायकिया के मासखमण तप अनुमोदना का भव्य कार्यक्रम आयोजित हुआ। साध्वीश्री ने अपने उद्बोधन में कहा जैन धर्म में तपस्या को सर्वोपरि महत्व मिला है। हर धर्म दर्शन में तप के गौरव को व्याख्यायित किया है, पर भगवान महावीर ने तो कहा है कि तप के द्वार तपस्वी करोड़ो भवों के कर्म को नष्ट कर सकता है। तप छोटा सा शब्द है किन्तु अर्थ की दृष्टि से विराट है। त का मतलब है तत्काल और प का अर्थ है पाप को नष्ट करना। जो तत्काल पाप रूपी पंक को नष्ट करता है, वह तप कहलाता है। फूलदेवी विनायकिया ने मासखमण तप के द्वारा आत्मा को कुंदन बनाने का प्रयत्न किया है।
साध्वी वृंद ने भावपूर्ण गीत के द्वारा मासखमण की अनुमोदना की। साध्वीप्रमुखाश्री जी के संदेश का वाचन सभा मंत्री विरेन्द्र जैन ने किया। दिल्ली सभाध्यक्ष सुखराज सेठिया, अणुव्रत समिति ट्रस्ट के अध्यक्ष मनोज बरमेचा, तेयुप पीतमपुरा के संयोजक विशाल पगारिया, महिला मंडल अध्यक्ष मंजु सेठिया, तपस्विनी पुत्र अशोक विनायकिया, अंकिता लुणिया ने अपने भावों की प्रस्तुति दी। परिवार की बहनों, भिक्षु भक्त मंडल ने गीत के द्वारा अनुमोदना की। ममता संचेती ने मंगल संगान किया। ललित जैन ने अभिनंदन पत्र का वाचन एवं गीत की प्रस्तुति दी। सभा की ओर से तपस्विनी बहन का अभिनंदन किया गया। कार्यक्रम का संचालन साध्वी मैत्रीप्रभा जी ने किया।