ज्ञानशाला दिवस पर विविध आयोजन

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ज्ञानशाला दिवस पर विविध आयोजन

ज्ञानशाला दिवस का आयोजन सेवा केंद्र मालू भवन में सेवा केंद्र व्यवस्थापिका ‘शासनश्री’ साध्वी कुंथुश्रीजी के सान्निध्य में आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ गीतांश मालू द्वारा मंगलाचरण से किया गया। ज्ञानशाला संयोजक के. एल. जैन ने उपस्थित सभी का स्वागत किया। ज्ञानशाला ज्ञानार्थी मोहित गंग और युवराज चोपड़ा ने नमस्कार महामंत्र मुद्रा की प्रस्तुति दी। साध्वी सुमंगलाश्री जी ने ज्ञानशाला दिवस पर ज्ञानवर्धक वक्तव्य दिया। ख्वाइश झाबक, कार्तिक मालू, जैनिशा बोथरा ने अपने भाषण से भावों की अभिव्यक्ति दी। ज्ञानशाला के नन्हें ज्ञानार्थियों ने ‘अतिमुक्तक मुनि’ और ‘सपनों को सच करती संस्कारशाला’ के माध्यम से बहुत ही सुंदर और मनमोहक प्रस्तुतियां दी।
साध्वी कुंथुश्री जी ने ज्ञानशाला दिवस पर उद्बोधन देते हुए कहा कि बाल्यावस्था में बच्चों में जो ज्ञान के संस्कारों का बीजारोपण होता है, बच्चे उसी प्रकार ढल जाते हैं। बच्चों में सर्वप्रथम अपनी मां से संस्कार प्राप्त होते हैं जिनकी उनके जीवन में अमिट छाप होती है। उसके बाद प्रशिक्षिकाओं के संस्कार बच्चों के जीवन में गहरा प्रभाव छोड़ते हैं। बच्चों में संस्कारों की सभ्यता वो संपदा है जो धनार्जन से भी अधिक मूल्यवान होती है। श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा के मंत्री प्रदीप पुगलिया ने साध्वीश्री के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए ज्ञानशाला के ज्ञानार्थियों, अभिभावकों, संयोजक, व्यवस्थापिका, मुख्य प्रशिक्षिका और सभी प्रशिक्षकाओं का आभार प्रकट किया। ज्ञानशाला दिवस कार्यक्रम का कुशल संचालन मंजू झाबक ने किया।