अनेक विशेषताओं के धनी - आचार्यश्री तुलसी
गंगाशहर
आचार्यश्री तुलसी एक विलक्षण आचार्य, एक विलक्षण संत व योगी थे। वे अनेक विलक्षण विशेषताओं के धनी थे। उनका आभामंडल, तेज व ओजस्वी वाणी विकास का मार्ग प्रशस्त करती थी। गुरुदेव तुलसी के अवदान केवल तेरापंथ धर्मसंघ या जैन धर्म के लिए ही नहीं, वरन पूर्ण मानवता के लिए कल्याणकारी है। यह उद्गार सेवा केंद्र व्यवस्थापिका साध्वी पावनप्रभा जी ने विकास महोत्सव के अवसर पर व्यक्त किए। साध्वी दीपमाला जी ने गुरुदेव तुलसी के अवदानों के बारे में कहा कि उन्होंने नारी शिक्षा, अणुव्रत, समण श्रेणी, आगम संपादन, साहित्य सृजन आदि अनेक अवदान दिए। उनके द्वारा आचार्य पद का विसर्जन इतिहास की एक विरल घटना है। साध्वियों द्वारा सामुहिक गीतिका प्रस्तुत की गई। कार्यक्रम का शुभारंभ अणुव्रत समिति के मनोज छाजेड़ द्वारा मंगलाचरण से किया गया। तेरापंथी सभा के अध्यक्ष अमरचंद सोनी, महिला मंडल अध्यक्षा ममता रांका, तेयुप के सहमंत्री भरत गोलछा, किशोर मंडल संयोजक कुलदीप छाजेड़, कन्या मंडल संयोजिका योगिता भूरा व सह-संयोजिका लेखा मालू ने इस अवसर पर अपने विचारों की अभिव्यकित दी। कार्यक्रम का संचालन सभा मंत्री रतनलाल छलाणी ने किया।