आचार्य भिक्षु चरमोत्सव
विल्लुपुरम
साध्वी उज्ज्वलप्रभा जी के सान्निध्य में भिक्षु चरमोत्सव मनाया गया। साध्वीश्री जी ने कहा कि आचार्य भिक्षु आलोक पुंज, तेजपुंज पुरुष थे। उन्होंने जीवन-भर अध्यात्म का आलोक बाँटा। साध्वी अनुप्रेक्षाश्री जी ने कहा कि आचार्य भिक्षु के जीवन का हर पहलू अध्यात्म से सराबोर था। इसी अध्यात्म बल के सहारे, विरोधी परिस्थितियों में भी भिक्षु स्वामी अटल रहे। साध्वी प्रबोधयशा जी ने कहा कि आचार्य भिक्षु ने अपने साधना के बल पर शिथिलाचारों को खुले मैदान में चुनौती दी एवं कष्टों को आभार मानकर, उन्हें स्वीकार किया।
तेरापंथ सभा मंत्री राजेश सुराणा एवं कन्या मंडल से आशिका बुरड़ ने आचार्य भिक्षु को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए अपने भावों की अभिव्यक्ति दी। विल्लुपुरम एवं वलवनूर महिला मंडल की बहनों ने सुमधुर गीत की प्रस्तुति दी।साध्वीश्री जी के सान्निध्य में अनेकों श्रावक-श्राविकाओं ने एकासन, उपवास, बेले का प्रत्याख्यान किया। संतोष सुराणा ने 14 उपवास का प्रत्याख्यान किया। मंगलाचरण कन्या मंडल ने एवं कार्यक्रम का संचालन स्नेहा भंडारी ने किया।