क्षमा याचना पारस्परिक सौहार्द का मुक्ताहार है

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क्षमा याचना पारस्परिक सौहार्द का मुक्ताहार है

साध्वी काव्यलताजी के सानिध्य में क्षमा याचना का कार्यक्रम नमस्कार महामन्त्र से सिंघवी भवन, अमराईवाड़ी में प्रारंभ हुआ। साध्वी ज्योतियशा, साध्वी सुरभिप्रभाजी, साध्वी राहतप्रभाजी ने 'मैत्री मन्त्र महान' गीत का मधुर संगान कर जनता को क्षमा के निर्झर में प्रवाहित किया। साध्वी काव्यलताजी ने अपने उद्बोधन में कहा- क्षमा जीवन का उपहार है, तन-मन का श्रृंगार है, पारस्परिक सौहार्द का मुक्ताहार है। आज के दिन हम क्षमा को समझें और जिनके साथ हमारे कटु सम्बन्ध हैं, बोल चाल बन्द है, वैर विरोध की गाँठ है, उनसे खमत खामणा कर मैत्री की धारा प्रवाहित करें। साध्वीश्री ने आचार्य प्रवर, धर्मसंघ के सभी चारित्रात्माओं, अहमदाबाद में प्रवासी सभी चारित्रात्माओं, अहमदाबाद एवं विशेष कर अमराईवाडी जैन समाज के श्रावक-श्राविकाओं से खमतखामणा किया। सर्वप्रथम तेरापंथ सभा अध्यक्ष नवरतनमल जैन एवं विभिन्न संस्थाओं के पदाधिकारी गण ने सरल हृदय से खमत खामणा किया। मंच का संचालन तेयुप मंत्री सुनील चिप्पड़ ने किया।