अभातेयुप के तत्वावधान में देशभर में हुआ समता की साधना 'अभिनव सामायिक' का प्रयोग

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अभातेयुप के तत्वावधान में देशभर में हुआ समता की साधना 'अभिनव सामायिक' का प्रयोग

अभातेयुप द्वारा निर्देशित अभिनव सामायिक कार्यक्रम मुनि सुमति कुमार जी के सान्निध्य में आयोजित किया गया। मुनि श्री ने कहा कि सामायिक चार प्रकार की बताई गई है- सम्यक्त्व, श्रुत, देश-विरति, अविरति। श्रावक के 12 व्रत में नवमां व्रत है सामायिक। आजकल नकली सामायिक ज्यादा हो रही है हमें असली सामायिक करने का प्रयत्न करना चाहिए, जिससे हमारी उन्नति होती है। शुद्ध सामायिक करने का प्रयत्न करें। संवर और निर्जरा के द्वारा आत्मा को उज्जवल बनाया जा सकता है। मुनि देवार्यकुमार जी ने तीर्थंकर की माता के सपनों पर प्रकाश डाला। मुनि आगमकुमार जी ने गीतिका की प्रस्तुति कर अपने विचार रखे। राहुल बालड़ ने अभिनव सामायिक गीतिका की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम के प्रायोजक प्रकाशचंद पवनकुमार सौरभ अक्षय डागा परिवार की ओर से श्रावक-श्राविकाओं को सामायिक किट भेंट किया गया। ऋषिता वोहरा ने 12 की तपस्या के प्रत्याख्यान किए।