पर्वाधिराज पर्युषण का आयोजन
अध्यात्म चेतना के जागरण के लिए, मन की ग्रंथियों को खोलने, आत्मा के दर्शन करने तथा मोक्ष मार्ग की दिशा में आगे बढ़ने के लिए विशेष आराधना, साधना, धर्म-ध्यान की विशेष धर्माराधना के महापर्व पर्वाधिराज पर्युषण का युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमणजी की सुशिष्या साध्वी पावनप्रभाजी के सान्निध्य में आध्यात्मिक रूप में तेरापंथ सभा भवन में प्रारम्भ हुआ। नमस्कार महामंत्रोचार से पर्युषण पर्व के प्रथम दिन खाद्य संयम दिवस कार्यक्रम की शुरुवात हुई।
साध्वी पावनप्रभाजी ने बताया कि खाद्य संयम में मनुष्य को विवेक रखना चाहिए, खानपान पर लालसा नहीं होनी चाहिए। मनुष्य स्वाद के लिए असंयम से खान-पान नहीं करे। साध्वी आत्मयशाजी ने खाद्य संयम की विवेचना करते हुए कहा कि 15 दिन में एक उपवास करना स्वास्थ्य की दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण है। व्यक्ति इसके माध्यम से अनेक बीमारियों से निजात प्राप्त कर सकता है। कार्यक्रम में साध्वी उन्नतयशाजी एवं साध्वी रम्यप्रभाजी ने खाद्य संयम दिवस पर भावपूर्ण अभिव्यक्ति दी। तेरापंथ भवन में पर्युषण काल में नमस्कार महामंत्र के अखंड जप अनुष्ठान में सभा, महिला मंडल, युवक परिषद, कन्यामण्डल व ज्ञानशाला के ज्ञानार्थियों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।