आचार्य भिक्षु के 222वें चरमोत्सव पर विविध कार्यक्रम

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आचार्य भिक्षु के 222वें चरमोत्सव पर विविध कार्यक्रम

साध्वी शकुन्तलाकुमारी जी के सान्निध्य में भिक्षु चरमोत्सव का कार्यक्रम आयोजित हुआ। साध्वीश्री ने कहा - आचार्य भिक्षु सत्य के उपासक थे। उनका एकमात्र लक्ष्य था- सत्यं शिवं सुंदरं की उपासना करना। सत्य देवता से साक्षात्कार करने के लिए उन्होंने पद-प्रतिष्ठा, सुख-सुविधाओं को तिलांजलि की देकर अध्यात्म का प्रकाश दिया। साध्वी संचितयशा जी ने कहा - आचार्य भिक्षु उन्नीसवीं सदी के तेजस्वी व वर्चस्वी संत थे। उन्होंने अपनी ऋतम्भरा प्रज्ञा, गहरी सोच और कर्मठता से जनमानस को नई दृष्टि और नई दिशा दी। साध्वी जागृतप्रभा जी ने कविता की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम की शुरुआत सुशीला वडाला व सुमित्रा वड़ाला के मंगल गीत से हुई। वरिष्ठ श्रावक चांदमल दूगड़, अंधेरी तेयुप अध्यक्ष गिरीश सिंघवी, उपासिका रमिला गन्ना, विलेपार्ले महिला मंडल अध्यक्षा रेखा कोठारी, मंत्री अंकिता वडाला, कुसुम कोठारी, सुनील वडाला ने अपने विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन साध्वी रक्षित यशा जी ने किया।