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आचार्य भिक्षु के 222वें चरमोत्सव पर विविध कार्यक्रम
आचार्य भिक्षु के 222वें चरमोत्सव के अवसर पर साध्वी काव्यलता जी के सान्निध्य में सिंघवी भवन, अमराईवाडी में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ तेरापंथ महिला मण्डल की बहनों द्वारा मंगलाचरण से किया गया। साध्वीश्री ने अपने उद्बोधन में कहा - आचार्य भिक्षु का जीवन कष्टों की प्रेरक कहानी है। लक्ष्य की प्राप्ति के लिए आगमवाणी ही उनका आधार था। शुद्ध साधुत्व की अनुपालना के लिए उन्होंने अपने गुरू से भी सम्बन्ध विच्छेद कर लिया। 77 वर्षों के अपने जीवनकाल में अनगिनत कष्टों को सहनकर सूर्य की भांति चमकते रहे और सिरियारी में अनशनपूर्वक समाधिमरण का वरण किया। साध्वी ज्योतियशाजी, साध्वी सुरभिप्रभा जी, साध्वी राहतप्रभाजी ने गीत का संगान किया। कार्यक्रम का संचालन साध्वी ज्योतियशा जी ने किया। उपासिका मंजु गेलडा, संस्कारक दिनेश टुकलिया ने विचार रखे।