31वें विकास महोत्सव के विविध कार्यक्रम

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31वें विकास महोत्सव के विविध कार्यक्रम

साध्वी संघप्रभाजी के सान्निध्य में आचार्य तुलसी का 31वां विकास महोत्सव का आयोजन तेरापंथ भवन मोमासर में किया गया। कार्यक्रम का मंगलाचरण तेरापंथ महिला मंडल द्वारा 'जपें हम तुलसी-तुलसी नाम' सुमधुर स्वरों के संगान से किया गया। साध्वीश्री ने अपने संयम प्रदाता की वर्धापना में अपने उद्बोधन में कहा कि आचार्य तुलसी विकास के पुरोधा थे। तेरापंथ में भागीरथ बनकर उन्होंने अणुव्रत, प्रेक्षाध्यान, जीवन विज्ञान, आगम अनुसंधान आदि आयामों के रूप में उन्होंने जो विकास की गंगा बहाई उस गंगा में अभिस्नात होकर आज पूरी मानव जाति नई ताजगी, नई रोशनी का अनुभव कर रही है। उनके जीवन में शांति और क्रांति का अद्भुत संगम था। मात्र 22 वर्ष की युवावस्था में आचार्य पद पर आसीन होकर वर्षों तक उन्होंने न केवल प्रशासन की डोर कुशलता पूर्वक थामे रखी अपितु अपनी सफल अनुशासना से अनगिन व्यक्तियों का निर्माण किया। पुष्पा पटावरी, किरण पटावरी ने अपने विचार व्यक्त किए। साध्वी विधिप्रभाजी ने अपने वक्तव्य में आचार्य तुलसी को क्रांतिकारी आचार्य बताते हुए पांच आचारों का वर्णन करते हुए स्वयं के लिए विकास के मंगल कामना की। कार्यक्रम का कुशल संचालन साध्वी प्रांशुप्रभाजी किया।