31वें विकास महोत्सव के विविध कार्यक्रम
साध्वी कनकरेखाजी के सान्निध्य में विकास महोत्सव का कार्यक्रम अपूर्व आनंद के साथ मनाया गया। परमेष्ठी स्तुति के साथ साध्वीश्री ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया। साध्वीश्री ने कहा- विकास के प्रवर्तक गुरुदेव तुलसी ने संघ के चहुमुखी विकास के लिए अनेक आयाम उद्घाटित किये जिनसे सम्पूर्ण मानव जाति लाभान्वित हो रही है। विकास के शिखर पुरूष आचार्य श्री तुलसी ने झोंपड़ी से लेकर राष्ट्रपति भवन तक अणुव्रत आंदोलन का शंखनाद किया। देश ही नहीं अपितु विदेश की धरती भी इससे लाभान्वित हुई है। गुरूदेव तलसी के शासनकाल में शिक्षा, शोध, साधना, सेवा, साहित्य, कला आदि क्षेत्रों में विशष विकास हुआ। उनके चिंतन की व्यापकता ने अंधरूढियों को हटाकर महिला जागृति का बिगुल बजाया। दूसरी ओर सभा, परिषद, ज्ञानशाला, उपासक श्रेणी आदि के माध्यम से पुरूष वर्ग को भी विकास के पायदान पर चढने की प्रेरणा दी। प्रेक्षाध्यान, जीवन-विज्ञान आदि आयामों से तेरापंथ धर्मसंघ को आकाशीय ऊचाईयां दी।
इस अवसर पर आराध्य अभ्यर्यना के साथ साध्वी संवरवभाजी व साध्वी हेमंतप्रभाजी ने अपने विचार कविता एवं वक्तव्य के द्वारा अभिव्यक्त किये। उपासक श्रेणी के राष्ट्रीय प्रभारी सूर्यप्रकाश श्यामसुखा, सभाध्यक्ष धीरज सेठिया ने अपने विचार रखे। महिला मंडल ने सुमधुर गीत का संगान किया। संचालन मंत्री तरूण सुराणा ने किया। अणुव्रत जेन विश्व भारती पंजाब प्रभारी मीडिया प्रभारी जयंत सेठिया ने अपने विचार रखे।