31वें विकास महोत्सव के विविध कार्यक्रम

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31वें विकास महोत्सव के विविध कार्यक्रम

तेरापंथ भवन कांदिवली में साध्वी डॉ. मंगलप्रज्ञाजी के सान्निध्य में विकास महोत्सव का आयोजन किया गया। धर्म सभा को संबोधित करते हुए साध्वी डॉ. मंगलप्रज्ञा जी ने कहा कि आचार्य श्री तुलसी ने विकास की जो कीर्ति गाथा लिखी है उसके पीछे कारण है 'जीवन भर काम करूंगा' का फौलादी चिंतन और गतिशीलता l उनकी डिक्शनरी में आलस्य नाम शब्द ही नहीं था। उनके कार्य कौशल से, अवदानों से तेरापंथ जैन धर्म का पर्यायवाची बन गया। साध्वीश्री ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा मुझे लंबे समय तक गुरुदेव श्री तुलसी के श्री चरणों में रहकर शिक्षामृत पान करने का सौभाग्य मिला, प्रेरणा मिली। साध्वी वृंद ने सामूहिक संगीतमय प्रस्तुति दी l महिला मंडल, मनोहरलाल मादरेचा, रतन देवी बाफना, राजू देवी वेद, छवि संचेती, नियति सेठिया, अशोक हिरण, मुकेश कुमठ, राकेश सिंघवी आदि ने अपनी प्रस्तुति दी।