31वें विकास महोत्सव के विविध कार्यक्रम

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31वें विकास महोत्सव के विविध कार्यक्रम

मुनि जिनेश कुमार जी ठाणा-3 के सान्निध्य में तेरापंथ धर्मसंघ का 31 वां विकास महोत्सव साउथ हावड़ा श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा द्वारा प्रेक्षा विहार में आयोजित हुआ। धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनिश्री ने कहा- आचार्य श्री तुलसी विकास के श्लाका पुरुष थे। उन्होंने धर्मसंघ में चहुंमुखी विकास किया। प्रत्येक व्यक्ति विकास चाहता है। विकास में पाँच 'वि' का महत्व है- विद्या, विनय, विवेक, विरति और विधायक विचार। विकास का प्राण तत्त्व है- अनुशासन, मर्यादा और व्यवस्था। आचार्य श्री तुलसी के आचार्य पद ग्रहण दिवस को वर्तमान में तेरापंथ धर्मसंघ विकास महोत्सव के रूप में मनाता है। विकास महोत्सव की परिकल्पना आचार्यश्री महाप्रज्ञ जी ने की थी, जिसकी स्वीकृति स्वयं गुरुदेव तुलसी ने प्रदान की थी। मुनि परमानंदजी ने कहा- विकास के उज्ज्वल नक्षत्र थे आचार्य श्री तुलसी। उन्होंने अपने कर्तृत्व एवं शिष्य समुदाय के समर्पण से धर्मसंघ में महनीय विकास किया। मुनि कुणाल कुमार जी ने सुमधुर गीत का संगान किया। इस अवसर पर श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा, कोलकाता के अध्यक्ष अजय भंसाली, साउथ हावड़ा सभा के मंत्री बसंत पटावरी, तेयुप साउथ हावड़ा के अध्यक्ष गगनदीप बैद, अभातेममं की बंगाल प्रभारी अनुपमा नाहटा, साउथ हावड़ा तेममं की अध्यक्षा चंद्रकांता पुगलिया, गुवाहाटी से समागत दिलीप दुगड़ ने अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम का शुभारंभ वृहत्तर कोलकाता की विभिन्न शाखा मंडलों की बहनों के समूह संगान से हुआ। कार्यक्रम का संचालन मुनि परमानंद जी ने किया।