31वें विकास महोत्सव के विविध कार्यक्रम

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31वें विकास महोत्सव के विविध कार्यक्रम

साध्वी संयमलताजी के सान्निध्य में विकास महोत्सव आयोजन स्थानीय तेरापंथ भवन में किया गया। कार्यक्रम की शुरुवात तेरापंथ युवक परिषद् मण्डिया ने मंगलाचरण से की। सभा को सम्बोधित करते हुए साध्वी संयमलताजी ने कहा- आचार्य तुलसी तेरापंथ की धरती पर भोर की किरण बन उतरे, धूप की भांति खिले एवं प्रचंड सूर्य की भांति तपते हुए विश्व की तमिस्त्रा को उजालों से भरा। ऐसे 20 वीं सदी के महानायक, ख्यातनामा धर्मगुरु, समाज सुधारक की कड़ी में अपने आप को प्रथम पंक्ति में प्रतिष्ठित करने वाले महामानव थे आचार्य तुलसी। आचार्य तुलसी का पट्टोत्सव विकास महोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस महोत्सव का आधार संघीय विकास है। कोई भी संगठन, चाहे सामाजिक, धार्मिक या राजनैतिक हो उसका विकास उसके अनुशासन में है।
साध्वी मनीषाप्रभाजी ने कहा- आचार्य तुलसी विश्व संत हैं जिन्होंने अनेक अवदान दिए जो संघ को विकास के शिखर पर पहुंचा रहे हैं। साध्वी मार्दवश्रीजी ने कार्यक्रम का कुशल संचालन करते हुए कहा कि आचार्य तुलसी अलौकिक शक्तियों के पुञ्ज हैं। साध्वीवृंद ने सामुहिक गीत का संगान किया। संघ गान से कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।