संयम से आत्मा को भावित करने का पर्व है पर्युषण

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संयम से आत्मा को भावित करने का पर्व है पर्युषण

उपासिका चंद्रा बडाला एवं सहयोगी उपासिका मीना धींग की उपस्थिति में तेरापंथ भवन बरार में पर्युषण महापर्व का भव्य कार्यक्रम आयोजित हुआ। श्रावक-श्राविकाओं ने पर्युषणकालीन आचार संहिता को पालन करने का संकल्प किया। कार्यक्रम की शुरुआत नमस्कार महामंत्र से हुई। महिला मण्डल ने महावीर स्तुति प्रस्तुत की। उपासिका चंद्रा बडाला ने कहा पर्युषण प्रकाशमय जीवन जीने का आव्हान करता है, इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को हर क्षण हर पल जागरूक रहकर वीतराग वाणी का श्रवण कर अमृत रस का पान करना है। आपने चन्दनबाला तेले के तप की प्रेरणा देते हुए कहा- पर्युषण में तप त्याग की गंगा बहानी है। बाह्य आडम्बरों से हटकर भीतर की चेतना का दीप प्रज्ज्वलित करने के लिए खाने का संयम करना है।
उपासिका मीना धींग 'आओ पर्युषण मनावां' गीत का संगान किया व तेरापंथ धर्म संघ व प्रज्ञा पुरुष जयाचार्य के बारे में जानकारी दी। विविध प्रकार की क्विज प्रतियोगिता के माध्यम से ज्ञान वर्धन कराया गया।