वृहद् तप अभिनन्दन समारोह एवं पखवाड़ा तप प्रत्याख्यान का सुंदर आयोजन
साध्वी डॉ. मंगलप्रज्ञा जी के सान्निध्य में श्रावण-भाद्रव महिने में अठाई से पखवाड़ा तक की तपस्या करने वाले तपस्वी भाई-बहनों का श्री तुलसी महाप्रज्ञ फ़ाउंडेशन, तेरापंथ सभा, तेरापंथ युवक परिषद एवं तेरापंथ महिला मंडल कांदिवली एवं मलाड द्वारा सम्मान किया गया। इस अवसर पर अपने उद्बोधन में साध्वीश्री ने कहा-व्यक्ति किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ता है, उसके लिए मनोबल और पुरुषार्थ आवश्यक है। आगे बढ़ने वाला एक व्यक्ति होता है, उसे सहयोग देना भी बहुत बड़ी तपस्या है। आगे बढ़ने वाले के मार्ग में यदि कोई अवरोध आ जाए तो सहयोगी उस बाधा को दूर करने का प्रयास करे, यह कर्म निर्जरा ओर आत्मोपम्य भाव है।
साध्वीश्री ने आगे कहा- सामाजिक कार्य हो या पारिवारिक, धार्मिक कार्य हो या लौकिक, पारस्परिक सहयोग अपेक्षित होता है। लक्ष्य बनाने वाला व्यक्ति स्वयं होता है, पर लक्ष्य प्राप्ति में अनेक हाथों का आलम्बन होता है। आज तपस्या करने वाले भाई बहनों का अभिनंदन किया जा रहा। इस तपस्या का भी विशेष महत्व है पर तप के साथ उपशम भाव वृद्धिंगत होना चाहिए। इस अवसर पर कांदिवली, गोरेगांव, मलाइ, दहिसर ओर बोरीवली क्षेत्र के तपस्वियों का सम्मान किया गया। साध्वी वृन्द द्वारा भिक्षु स्तवन से कार्यक्रम प्रारंभ हुभा। तेरापंथ युवक परिषद मालाड अध्यक्ष जयन्ती मादरेचा ने स्वागत स्वर प्रस्तुत किए। जयपुर से समागत उदित सेठिया ने अपने भावाभिव्यक्ति के साथ तपस्वियों को शुभकामनाएं दी। तिरुवन्नामलाई के गणेश गौरव सेठिया ने अपने विचार व्यक्त किए। साध्वीवृन्द ने सभी क्षेत्रों के तपस्वियों की अनुमोदना में गीत का संगान किया। सूरत से समागत नीलेश बाफना ने तप-अनुमोदन गीत की प्रस्तुति दी। तेरापंथ युवक परिषद कांदिवली अध्यक्ष राकेश सिंघवी ने अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन तेयुप मालाड़ अध्यक्ष जयन्ती मादरेचा ने किया।