मासखमण तप अभिनंदन का कार्यक्रम
समाधि केंद्र बीदासर में प्रियंका भंसाली के मासखमण एवं संगीता बैद की ग्यारह की तपस्या का तपोभिनन्दन समारोह मनाया गया। 'शासनश्री' साध्वी मदनश्रीजी, 'शासनश्री' साध्वी कुलप्रभाजी, 'शासनश्री' साध्वी विमलप्रभाजी ने गीत एवं कविता के द्वारा अपनी भावाभिव्यक्ति दी। समाधि केन्द्र व्यवस्थापिका साध्वी कार्तिकयशाजी ने कहा- जैन धर्म में तप का विशिष्ट स्थान है और तेरापंथ धर्मसंघ में भी अनेक विशिष्ट तपस्वी हुए हैं। मुनि सुखलालजी स्वामी जिन्हें घोर तपस्वी के नाम से जाना जाता है, उन्होंने अपने संकल्पबल से साथ साठ वर्ष की उम्र में अनशन किया, जिसका निश्चय उन्होंने मात्र छत्तीस वर्ष की उम्र में कर लिया था। प्रियंका भंसाली एवं संगीता बैद ने भी दृढ़ संकल्पशक्ति एवं मनोबल का परिचय दिया है, दोनों तप के क्षेत्र में उत्तरोतर विकास करती रहें। 'शासनश्री' साध्वी अमितप्रभा जी ने कहा कि दोनों तपस्विनी बहनों ने महान निर्जरा का कार्य किया है। इस अवसर पर साध्वीप्रमुखाश्री विश्रुतविभाजी द्वारा प्रदत्त सन्देश का वाचन किया गया।
तेयुप, महिला मण्डल, अणुव्रत समिति आदि संस्थाओं की ओर से तपस्विनी बहनों का अभिनन्दन किया गया। पारिवारिक सदस्यों ने अनुमोदना गीत का संगान किया। प्रेमसुख बेंगानी, तेरापंथ महिला मंडल सुजानगढ़ ने अपनी प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का संचालन भावना दुगड़ ने किया।