तप अभिनंदन समारोह आयोजित
मुनि जिनेशकुमार जी ठाणा-3 के सान्निध्य में मंजु सिंघी के मासखमण तप पर अभिनंदन समारोह का आयोजन प्रेक्षा विहार में साउथ हावड़ा श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा द्वारा किया गया। इस अवसर पर मुनिश्री ने कहा आत्म शुद्धि व चेतना की पवित्रता के दो साधन हैं - जप और तप। तप साधना की महक है। तप आत्म उज्ज्वलता की कहानी है। तप आंतरिक शक्तियों को उजागर करने का अचूक उपाय है। तप से रिद्धि-सिद्धि की प्राप्ति संभव है। तप से व्यक्ति आधि-व्याधि से मुक्त होकर समाधि का अनुभव कर सकता है। तप का उद्देश्य यश प्राप्ति नहीं होकर कर्म निर्जरा का होना चाहिए। मंजु सिंघी ने मासखमण तप कर बहुत ही हिम्मत का परिचय दिया है। इस चतुर्मास का यह ग्यारहवां मासखमण तप है। अधिक से अधिक भाई-बहिन तप के क्षेत्र में प्रगति करते रहें। इस अवसर पर तपस्वी को प्रदत्त साध्वीप्रमुखाश्री जी के संदेश का वाचन कोलकाता सभा के अध्यक्ष अजय भंसाली ने किया। सभा की ओर से स्वागत एवं तप अनुमोदना में मंत्री बसंत पटावरी ने विचार व्यक्त किये। ऋतिका सिंघी ने तप अनुमोदना में सुमधुर गीत का संगान किया। सभा द्वारा तपस्वी का सम्मान किया गया। कार्यक्रम का संचालन मुनि परमानंद ने किया।