तेममं द्वारा चित्त समाधि शिविर कार्यशाला का आयोजन

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तेममं द्वारा चित्त समाधि शिविर कार्यशाला का आयोजन

तेरापंथ महिला मंडल द्वारा चित्त समाधि शिविर कार्यशाला साध्वी मंजूयशा जी ठाणा-4 के सान्निध्य में आयोजित हुई। कार्यक्रम का प्रारंभ साध्वीश्री ने नमस्कार महामंत्र के मंगल उच्चारण से किया। मंडल की बहनों ने सामूहिक गीत प्रस्तुत किया। तेरापंथ महिला मंडल की अध्यक्षा मंजू पोरवाल ने कार्यशाला में संभागी भाई-बहनों का हार्दिक स्वागत किया। साध्वीश्री ने अर्हम् ध्वनि का जाप, नौ मंगल भावना का सामूहिक उच्चारण एवं प्रेक्षाध्यान का प्रयोग करवाया। साध्वीश्री ने अपने उद्बोधन में कहा 'स्वस्थ परिवार स्वस्थ समाज योजना' के अंतर्गत चित्त समाधि कार्यशाला रखी गई है। चित समाधि का अर्थ है- चित्त की निर्मलता। घर, परिवार, समाज या समूह, व्यक्ति जहां भी रहे मानसिक प्रसन्नता को प्राप्त करना चाहता है। नौ मंगल भावना चित्त समाधि में बहुत सहयोगी होती है। हर कार्य में सफलता प्राप्त करने के लिए वीरता, गंभीरता का होना जरूरी है। चित्त में आनंद, समाधि व शक्ति पाने के लिए प्रेम, सौहार्द, प्रमोद भावना, स्वार्थ का त्याग, अनेकांत दर्शन को अपनाना होगा। अनुकूल-प्रतिकूल स्थिति आने पर भी संतुलन रहेगा तो व्यक्ति को जीवन में सदा शांति, आनंद एवं समाधि प्राप्त होगी। साध्वी चिन्मयप्रभा जी, साध्वी इंदुप्रभा जी ने अपने विचारों की अभिव्यक्ति दी। साध्वी मानसप्रभा जी ने प्रेरणादायक गीत प्रस्तुत किया।