अभातेयुप निर्देशित मंथन ‘कल-आज और कल’ के विभिन्न आयोजन

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अभातेयुप निर्देशित मंथन ‘कल-आज और कल’ के विभिन्न आयोजन

अभातेयुप के तत्वावधान में आयोजित मंथन कल, आज और कल कार्यक्रम का आयोजन तेरापंथ युवक परिषद्, बेंगलुरु द्वारा तेरापंथ सभा भवन गांधीनगर में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। कार्यक्रम में परिषद् के वर्तमान और भविष्य पर गहन विचार-विमर्श किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ साध्वी उदितयशा जी के मंगलाचरण से हुआ। प्रज्ञा संगीत सुधा ने विजय गीत की प्रस्तुति दी। श्रावक निष्ठा पत्र का वाचन भूतपूर्व अध्यक्ष देवराज रायसोनी द्वारा किया गया। वर्तमान अध्यक्ष विमल धारीवाल ने सभी का स्वागत और अभिनंदन करते हुए कार्यक्रम के महत्व पर प्रकाश डाला। साध्वी उदितयशा जी ने अपने उद्बोधन में कहा, मंथन की प्रक्रिया तब ही प्रारंभ होगी जब हम तपेंगे और जमेंगे। व्यक्ति जब तपता है और जमता है, तब ही नवनीत प्राप्त होता है। मंथन का सार्थक और निरर्थक दोनों रूप हो सकते हैं, लेकिन हमें इस पर चिंतन करना होगा कि हमारी चर्चा अतीत का सही सिंहावलोकन कर रही है या नहीं, और क्या यह भविष्य के लिए ठोस दिशा निर्देश दे रही है। 'मैं' से 'हम', 'हम' से 'संघ', और अंत में 'गुरु' सर्वोपरि होना चाहिए।