भिक्षु चरमोत्सव पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन
साध्वी कुन्दनरेखा के सान्निध्य में तेरापंथ सभा दिल्ली के तत्वावधान में अणुव्रत भवन में भिक्षु चरमोत्सव का कार्यक्रम रखा गया। साध्वीश्री ने 'भिक्षु भिक्षु म्हांरी आत्मा पुकारे' गीत के आधार पर आचार्य भिक्षु के चमत्कारी नाम की व्याख्या की। साध्वीश्री ने कहा तेरापंथ धर्मसंघ की यशस्वी परम्परा के उन्नायक आचार्य भिक्षु ने संघ को सुदृढता देने हेतु मर्यादाओं का निर्माण किया। एक आचार, एक विचार एवं एक आचार्य की सुन्दर व्यवस्था दी, अनुशासन का बोध पाठ दिया। साधिक 250 वर्षों पूर्व बनाई गयी ऐसी व्यवस्थाएं धर्म संघ के लिए वरदान बन गई। आचार्य भिक्षु अलबेले संत थे। कष्टों की परवाह किये बिना चलते रहे, रूके नहीं।
साध्वी सौभाग्ययशा जी ने कहा आचार्य भिक्षु मर्यादा और अनुशासन के पुरोधा बनकर इस धरा पर अवतरित हुए। तेरापंथ धर्मसंघ की स्थापना उनके आत्म बल एवं अध्यात्म बल की ही निष्पत्ति है। साध्वी कल्याणयशा जी ने कहा आचार्य भिक्षु का संपूर्ण जीवन भगवान महावीर के सिद्धान्तों से संचालित था। इस अवसर पर दक्षिण दिल्ली के पूर्व अध्यक्ष हीरालाल गोलछा, मॉडल टाउन दिल्ली के अध्यक्ष प्रसन्न जैन, मध्य दिल्ली महिला अध्यक्ष दीपिका छल्लाणी, पूर्व अध्यक्षा मंजु जैन, सुरेखा जैन, गिरीश जैन ने अपने भावों की प्रस्तुति गीत एवं वक्तव्यों द्वारा दी। कार्यक्रम का कुशल संचालन विकास बोथरा ने किया। इस अवसर पर मंजु सेठिया के 19 की तपस्या का अभिनन्दन भी किया गया।